Dividends क्या होता है और यह कैसे काम करता है? इससे कमाई कैसे करें?

Dividends से कमाई कैसे करें? जानें यह क्या होता है, कैसे काम करता है और हर साल पैसिव इनकम पाने का सीक्रेट!

अगर आप शेयर बाजार (Stock Market) में निवेश करते हैं या करने की सोच रहे हैं, तो आपने Dividends (लाभांश) का नाम जरूर सुना होगा। लेकिन क्या आप जानते हैं कि डिविडेंड से आप बिना शेयर बेचे भी पैसे कमा सकते हैं? यह कंपनियों द्वारा अपने निवेशकों को दिया जाने वाला एक इनाम होता है, जो उनके मुनाफे का एक हिस्सा होता है। आसान भाषा में कहें तो, अगर आपने किसी अच्छी कंपनी के शेयर (Shares) खरीदे हैं और वह कंपनी मुनाफा कमाती है, तो वह अपने शेयरधारकों को इनाम के रूप में कुछ पैसे देती है, जिसे डिविडेंड कहा जाता है। यह एक शानदार तरीका है पैसिव इनकम (Passive Income) कमाने का, जिससे आपके पैसे बिना किसी अतिरिक्त मेहनत के खुद ही बढ़ते रहते हैं। आइए, विस्तार से समझते हैं कि डिविडेंड क्या होता है, यह कैसे काम करता है और इससे कमाई कैसे की जा सकती है!

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लाभांश क्या है? | What is Dividend?

डिविडेंड वह रकम होती है जो कंपनियाँ अपने शेयरधारकों को उनके निवेश के बदले देती हैं। आमतौर पर, यह भुगतान कंपनी के मुनाफे का एक हिस्सा होता है, जिसे निवेशकों को उनके भरोसे और समर्थन के लिए दिया जाता है।

डिविडेंड कई तरीकों से दिया जा सकता है, जैसे नकद, अतिरिक्त शेयर (Shares), या अन्य परिसंपत्तियाँ (Assets)। किसी कंपनी द्वारा डिविडेंड देने का फैसला उसकी आर्थिक स्थिति, भविष्य की योजनाओं और डिविडेंड नीति पर निर्भर करता है। हालांकि, सभी कंपनियाँ डिविडेंड नहीं देतीं। कुछ कंपनियाँ अपने मुनाफे को व्यापार के विस्तार में निवेश करना पसंद करती हैं ताकि भविष्य में ज्यादा ग्रोथ हासिल की जा सके। डिविडेंड को अक्सर एक मजबूत और स्थिर कंपनी का संकेत माना जाता है, इसलिए यह उन निवेशकों के लिए आकर्षक होता है जो नियमित आय (Passive Income) की तलाश में होते हैं।

उदाहरण के लिए, मान लीजिए कि किसी कंपनी ने तय किया है कि वह अपने मुनाफे का 40% हिस्सा डिविडेंड के रूप में बांटेगी। अगर कंपनी को सालाना ₹10 करोड़ का मुनाफा होता है, तो वह ₹4 करोड़ अपने निवेशकों को डिविडेंड के रूप में देगी, जबकि बाकी ₹6 करोड़ का पुनर्निवेश करेगी। इस तरह की पॉलिसी कंपनियों को निवेशकों को नियमित रिटर्न देने और अपने विकास के लिए पूंजी बचाने का संतुलित अवसर प्रदान करती है। यह स्थिरता को दर्शाती है और उन निवेशकों को आकर्षित करती है जो लंबी अवधि के लिए भरोसेमंद आय की तलाश में होते हैं।

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डिविडेंड निवेश के फायदे | Benefits of Dividend Investment

अगर आप शेयर बाजार (Stock Market) में नियमित और सुरक्षित कमाई चाहते हैं, तो डिविडेंड निवेश एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है। यह आपको बिना शेयर (Shares) बेचे भी आय अर्जित करने का अवसर देता है और लंबे समय में वित्तीय स्थिरता प्रदान करता है। आइए जानते हैं डिविडेंड निवेश के प्रमुख फायदे:

1. नियमित इनकम का साधन: कंपनियाँ अपने निवेशकों को डिविडेंड के रूप में मुनाफे का एक हिस्सा देती हैं, जिससे बिना शेयर बेचे भी इनकम होती रहती है।

2. कम अस्थिरता: डिविडेंड देने वाले स्टॉक्स आमतौर पर ग्रोथ स्टॉक्स की तुलना में कम उतार-चढ़ाव वाले होते हैं, जिससे पोर्टफोलियो स्थिर और सुरक्षित बना रहता है।

3. रिटायरमेंट प्लानिंग में मददगार: ऐसे स्टॉक्स उन निवेशकों के लिए फायदेमंद होते हैं जो लंबी अवधि के लिए कम जोखिम वाला निवेश चाहते हैं, खासकर रिटायरमेंट के करीब आने वाले लोगों के लिए।

4. बाजार के उतार-चढ़ाव से कम प्रभावित: चाहे शेयर की कीमत बढ़े या गिरे, जब तक कंपनी डिविडेंड देती रहेगी, निवेशकों को इसका फायदा मिलता रहेगा।

5. पुनर्निवेश के विकल्प: निवेशक इस डिविडेंड को दोबारा उसी कंपनी में लगा सकते हैं, किसी अन्य कंपनी के शेयर खरीद सकते हैं, इसे बचा सकते हैं या अपनी जरूरत के हिसाब से खर्च कर सकते हैं।

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डिविडेंड कैसे काम करता है? | How do dividends work?

डिविडेंड की प्रक्रिया कुछ चरणों में पूरी होती है, जिसमें मुनाफे का आकलन, वितरण का निर्णय, भुगतान का तरीका और निवेशकों को राशि ट्रांसफर करना शामिल है। आइए इसे विस्तार से समझते हैं।

1. मुनाफे का विश्लेषण और डिविडेंड तय करना

  • जब कोई कंपनी साल के अंत में मुनाफा कमाती है, तो उसे तय करना होता है कि कितना हिस्सा व्यापार के विस्तार में लगाया जाए और कितना निवेशकों को डिविडेंड के रूप में दिया जाए।
  • यह निर्णय कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स (BOD) द्वारा लिया जाता है।

2. डिविडेंड के प्रकार का चुनाव

डिविडेंड कई तरह का हो सकता है, जैसे –

  • कैश डिविडेंड (Cash Dividend): इसमें निवेशकों को उनके डीमैट अकाउंट (Demat Account) में सीधे नकद राशि मिलती है। यह सबसे आम प्रकार का डिविडेंड है।

  • स्टॉक डिविडेंड (Stock Dividend): कुछ कंपनियाँ नकद की बजाय अपने निवेशकों को अतिरिक्त शेयर देकर डिविडेंड प्रदान करती हैं। इसे बोनस शेयर (Bonus Shares) भी कहा जाता है।

  • स्पेशल डिविडेंड (Special Dividend): यह एक असामान्य डिविडेंड होता है, जिसे कंपनियाँ तब देती हैं जब उन्हें अतिरिक्त मुनाफा होता है। यह आमतौर पर नियमित डिविडेंड से अधिक होता है।

  • अंतरिम डिविडेंड (Interim Dividend): यह एक अस्थायी डिविडेंड होता है, जिसे वित्तीय वर्ष के बीच में घोषित किया जाता है। आमतौर पर कंपनियाँ इसे तब देती हैं जब उन्हें अच्छे लाभ की उम्मीद होती है।

  • अंतिम डिविडेंड (Final Dividend): यह वित्तीय वर्ष के अंत में दिया जाता है और इसे कंपनी की वार्षिक आम बैठक (AGM) में अनुमोदित किया जाता है।

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3. महत्वपूर्ण तिथियाँ जो डिविडेंड से जुड़ी होती हैं

डिविडेंड भुगतान की प्रक्रिया में कई तिथियाँ महत्वपूर्ण होती हैं:

  • घोषणा तिथि (Declaration Date): जिस दिन कंपनी डिविडेंड देने की घोषणा करती है।
  • पूर्व-लाभांश तिथि (Ex-Dividend Date): इस तारीख के बाद खरीदे गए शेयरों पर डिविडेंड नहीं मिलता।
  • रिकॉर्ड तिथि (Record Date): कंपनी यह तय करती है कि डिविडेंड पाने के योग्य निवेशक कौन होंगे।
  • भुगतान तिथि (Payment Date): जिस दिन डिविडेंड निवेशकों के खाते में ट्रांसफर किया जाता है।

4. डिविडेंड भुगतान की प्रक्रिया

  • जब कंपनी डिविडेंड देने का फैसला करती है, तो वह बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स से इसकी मंजूरी लेती है।
  • इसके बाद, निवेशकों को सूचित किया जाता है और रिकॉर्ड तिथि तय होती है।
  • जो भी निवेशक रिकॉर्ड तिथि तक कंपनी के शेयर धारक होते हैं, वे डिविडेंड पाने के हकदार होते हैं।
  • भुगतान तिथि आने पर डिविडेंड निवेशकों के बैंक अकाउंट या डीमैट अकाउंट में ट्रांसफर कर दिया जाता है।

डिविडेंड से निवेशकों को क्या फायदा होता है?

  • नियमित आय का स्रोत: निवेशक बिना शेयर बेचे भी डिविडेंड के जरिए कमाई कर सकते हैं।
  • कम जोखिम: डिविडेंड देने वाली कंपनियाँ आमतौर पर स्थिर और भरोसेमंद होती हैं, जिससे जोखिम कम रहता है।
  • रिटायरमेंट के लिए फायदेमंद: डिविडेंड स्टॉक्स उन निवेशकों के लिए अच्छा विकल्प होते हैं जो नियमित आय चाहते हैं।
  • पोर्टफोलियो में मजबूती: डिविडेंड से मिलने वाली रकम को दोबारा निवेश करके निवेशक अपनी संपत्ति तेजी से बढ़ा सकते हैं।

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लाभांश कैसे मापा जाता है? | How are dividends measured?

डिविडेंड की सही गणना जानने से आपको डिविडेंड स्टॉक्स पर रिसर्च करने में मदद मिलेगी और यह समझने में आसानी होगी कि कोई कंपनी अपने निवेशकों को कितना लाभांश देती है।

डिविडेंड मापने के लिए लाभांश अनुपात (Dividend Ratio) एक महत्वपूर्ण पैमाना है। इसे इस तरह से निकाला जाता है:

डिविडेंड अनुपात = कुल भुगतान किया गया डिविडेंड / कंपनी की कुल शुद्ध आय

अगर कोई कंपनी डिविडेंड का भुगतान नहीं करती या अपनी पूरी शुद्ध आय को डिविडेंड के रूप में वितरित कर देती है, तो उसका लाभांश अनुपात 0% या 100% हो सकता है।

इसका फायदा क्या है?

  • निवेशक इस अनुपात का उपयोग यह समझने के लिए कर सकते हैं कि कंपनी अपने मुनाफे का कितना हिस्सा लाभांश के रूप में दे रही है और कितना फिर से व्यापार में निवेश कर रही है।
  • इसी तरह, पुनर्निवेश अनुपात (Retention Ratio) से यह पता चलता है कि कंपनी अपने विस्तार और विकास के लिए कितनी आय बचा रही है।

सही डिविडेंड कैलकुलेशन से निवेशक यह तय कर सकते हैं कि कौन-से स्टॉक्स लॉन्ग-टर्म इनकम और ग्रोथ के लिए बेहतर हो सकते हैं।

डिविडेंड पर टैक्स कैसे लगता है? | How are Dividends Taxed?

1. भारत में, डिविडेंड अब निवेशकों के लिए टैक्सेबल इनकम माना जाता है। 2020 से पहले, कंपनियाँ डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स (DDT) चुकाती थीं, लेकिन अब निवेशकों को अपने डिविडेंड पर टैक्स देना होता है।

2. यदि किसी निवेशक की वार्षिक आय ₹5 लाख से अधिक है, तो डिविडेंड पर स्लैब दर के अनुसार टैक्स लगाया जाता है।

3. TDS (Tax Deducted at Source): यदि डिविडेंड ₹5,000 से अधिक है, तो 10% टीडीएस कटता है।

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FAQs: Dividends in Hindi

1. Dividends कैसे मिलते हैं?

यदि आप किसी कंपनी के शेयर धारक हैं और वह कंपनी Dividends घोषित करती है, तो आपको अपने बैंक खाते में या डीमैट अकाउंट (Demat Account) में यह राशि प्राप्त होती है।

2. Dividends कौन सी कंपनियाँ देती हैं?

आमतौर पर वे कंपनियाँ Dividends देती हैं जो स्थिर मुनाफा कमा रही होती हैं, जैसे कि ब्लू-चिप कंपनियाँ (Blue-chip Companies) या उच्च लाभ कमाने वाली फर्में।

3. Dividends का भुगतान कितनी बार किया जाता है?

कंपनियां साल में एक या एक से अधिक बार Dividends का भुगतान कर सकती हैं, जैसे कि वार्षिक, अर्धवार्षिक, त्रैमासिक या विशेष डिविडेंड

4. क्या हर कंपनी Dividends देती है?

नहीं, सभी कंपनियाँ Dividends नहीं देतीं। कुछ कंपनियाँ अपने लाभ को नए प्रोजेक्ट्स में निवेश करने के लिए बचा कर रखती हैं।

5. Dividends और शेयर प्राइस का क्या संबंध है?

जब कोई कंपनी Dividends घोषित करती है, तो आमतौर पर उसके शेयर का मूल्य बढ़ सकता है, लेकिन Ex-Dividend डेट के बाद इसमें गिरावट आ सकती है।

6. डिविडेंड रीइन्वेस्टमेंट प्लान (DRIP) क्या है?

DRIP एक योजना है जहाँ शेयरधारक अपने डिविडेंड का उपयोग कंपनी के अतिरिक्त शेयर खरीदने के लिए कर सकते हैं। यह कंपाउंडिंग के माध्यम से दीर्घकालिक पूंजी वृद्धि में मदद करता है।

7. क्या डिविडेंड देने वाली कंपनियों में निवेश करना सुरक्षित है?

कोई भी निवेश जोखिम-मुक्त नहीं है। हालांकि, स्थापित और लाभदायक कंपनियों में निवेश करना आमतौर पर कम जोखिम भरा होता है।

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निष्कर्ष | Conclusion

Dividends निवेशकों के लिए आय का एक महत्वपूर्ण स्रोत होते हैं, जो कंपनियों द्वारा अपने लाभ का एक हिस्सा शेयरधारकों को वितरित करने के रूप में दिए जाते हैं। यह न केवल निवेशकों को नियमित आय प्रदान करता है, बल्कि कंपनी की वित्तीय स्थिरता और प्रदर्शन को भी दर्शाता है। जिन कंपनियों का वित्तीय प्रदर्शन मजबूत होता है, वे अपने निवेशकों को नियमित रूप से अच्छे Dividends देती हैं, जिससे निवेशकों का भरोसा बढ़ता है। कुल मिलाकर, Dividends न केवल निवेशकों को लाभ पहुंचाते हैं, बल्कि अर्थव्यवस्था में पूंजी प्रवाह को भी बनाए रखते हैं।

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