दो हिस्सों में बंट सकता है अफ्रीका: 3500 किलोमीटर लंबी पूर्वी अफ्रीकी दरार फैलती जा रही; नया समुद्र बनने की भी संभावना! यह भारत के लिए एक बड़ी समस्या क्यों है?
Africa is splitting in two: वैज्ञानिकों के मुताबिक, प्राकृतिक घटनाओं के कारण दुनिया के कई महाद्वीप टुकड़ों में बंटते चले गए | भू-वैज्ञानिकों के मुताबिक, किसी समय अंटार्कटिका, दक्षिण अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और अफ्रीका एक ही सुपर कॉन्टिनेंट में थे | बाद में प्राकृतिक घटनाओं के कारण ये सब अलग हो गए | ऐसे ही एक घटनाक्रम के कारण भारत भी अफ्रीका से टूटकर अलग हुआ और एशिया से जुड़ गया | भारत के एशिया में टकराकर जुड़ने से हिमालय पर्वत श्रृंखलाएं बनीं | इसीलिए इन्हें नए और कच्चे पहाड़ कहा जाता है | वहीं, अरावली की पर्वत श्रृंखलाएं पुरानी, मजबूत और ठोस हैं |
भू-वैज्ञानिकों के मुताबिक, इस बार अफ्रीका के दो टुकड़ों में बंटने का खतरा है | दरअल, एक पहले अफ्रीका के बीचों-बीच एक दरार आ गई थी | इसका आकार लगातार बढ़ता जा रहा है | मार्च 2023 की शुरुआत में जब ये दरार के बारे में पता लगा था, तब इसकी लंबाई 56 किलोमीटर थी | अब तक यह दरार पहले से ज्यादा लंबी हो गई है, जो लगातार बढ़ती जा रही है | ऐसे में भू-वैज्ञानिकों का अफ्रीका के दो हिस्सों में बंटने की चिंता सता रही है |
Also, read: World’s Dangerous Railway Tracks: दुनिया के 9 सबसे खतरनाक रेलवे ट्रैक!
क्या होगा अगर अफ्रीका दो भागो में टूटता है ?
अब सवाल ये उठता है कि अगर अफ्रीकी महाद्वीप दो हिस्सों में बंट गया (Africa is splitting in two) तो क्या होगा? वैज्ञानिक एबिंगर के मुताबिक, धरती में दरार पैदा करने वाली प्राकृतिक ताकतों की रफ्तार भविष्य में धीमी भी पड़ सकती हैं | पहले भी कई बार ऐसा हुआ है | उनका कहना है कि आने वाले समय में सोमालियाई और न्युबियन प्लेट्स के अलग होने की रफ्तार बहुत धीमी पड़कर रुक भी सकती है | उन्होंने ये भी कहा कि दुनिया में कई बार ऐसी दरारें देखी गई हैं, जो पहले बढ़ती जा रही थीं | बाद में बढ़ना बंद हो गईं | अगर ऐसा ही इस दरार के साथ भी हुआ तो अफ्रीका दो हिस्सों में टूटने से बच जाएगा |
Also, read: Mysterious temples of India! भारत के 10 सबसे रहस्यमयी मंदिर !
अफ्रीका में ही क्यों बन रही दरार
मैकडोनाल्ड के मुताबिक, अभी ये स्पष्ट तौर पर नहीं बताया जा सकता है कि आने वाले समय में इसका असर कितनी दूर तक जाएगा | जियोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ लंदन (Geological Society of London) के मुताबिक, केन्या और इथियोपिया के बीच धरती गरम व कमजोर होने के कारण पूर्वी अफ्रीकी क्षेत्र में दरार बनने की ज्यादा आशंका रहती है | इस गर्मी के कारण धरती के भीतर की चट्टान में खिंचाव आ गया है | नासा (NASA) की अर्थ ऑब्जर्वेटरी के मुताबिक, अफ्रीका के दो हिस्सों में अलग होने पर (Africa is splitting in two) दरार में नया समुद्र बन सकता है | इस नए भूभाग में सोमालिया, इरिट्रिया, जिबूती, इथियोपिया, केन्या, तंजानिया और मोजांबिक के पूर्वी हिस्से होंगे |
Also, read: Strangest Houses: जानिए, दुनिया के 10 अजीबोग़रीब घरों के बारे में!
दरार में बन सकता है नया महासागर
लंदन की जियोलॉजिकल सोसायटी का कहना है कि लाल सागर से लेकर मोजाम्बिक तक 3500 किमी में घाटियों का लंबा जाल है | अब ये पूरा का पूरा क्षेत्र बड़ी दरार में बदलता जा रहा है | सोसायटी का कहना है कि अफ्रीका के बीचों-बीच बन रही इस दरार में एक नया महासागर बन सकता है | अब सवाल ये उठता है कि क्या वाकई अफ्रीका दो हिस्सों में बंट जाएगा? अगर अफ्रीका दो भागों में बंटता है (Africa is splitting in two) तो ये कब तक होगा? ऐसे तमाम सवालों के जवाब तलाशने के लिए भू-वैज्ञानिक टेक्टोनिक प्लेट्स का अध्ययन कर रहे हैं |
Also, read: Miracle Garden of Dubai: प्रकृति का अद्भुत नज़ारा, 5 करोड़ फूलों का संग्रह!
टेक्टोनिक प्लेट्स के टकराने से बढ़ रही पूर्वी अफ्रीका दरार
अफ्रिका महाद्वीप में जो हो रहा है इसे समझने के लिए हमें धरती की डिजाइन को समझना होगा। दरअसल, धरती का लिथोस्फियर (क्रस्ट और मैंटल का ऊपरी हिस्सा) कई टेक्टोनिक प्लेटों में बंटा होता है। ये प्लेट्स अलग-अलग स्पीड से आगे बढ़ती जाती हैं। स्थलमंडल (lithosphere) के नीचे एस्थेनोस्फियर होता है और ये प्लेट्स एस्थेनोस्फियर के ऊपर सरकती रहती हैं। एस्थेनोस्फियर के बहाव और प्लेटों की बाउंड्री से पैदा हुए फोर्स इन्हें डायनैमिक बनाते हैं। ये डायनैमिक फोर्स टेक्टोनिक प्लेट्स को कभी-कभी तोड़ भी देती हैं। इससे धरती में दरार पैदा होती है।
आसान शब्दों में समझें- धरती बड़ी-बड़ी टैक्टोनिक प्लेट्स पर स्थित है। इसके नीचे तरल पदार्थ लावा है। ये प्लेट्स लगातार तैरती रहती हैं और कई बार आपस में टकरा जाती हैं। टकराने से कई बार प्लेट्स के कोने मुड़ जाते हैं और ज्यादा दबाव पड़ने पर ये प्लेट्स टूटने लगती हैं, जिससे दरार बन जाती है।
Also, read: Mystery of Wittenum city: जानिए क्यों है ये दुनिया का सबसे खतरनाक शहर?
दरार क्यों होती है? | Why is there fear?
जब स्थलमंडल क्षैतिज विस्तार बल के अधीन होता है तो यह फैल जाएगा, पतला हो जाएगा। अंततः, यह टूट जाएगा, जिससे दरार घाटी का निर्माण होगा। यह प्रक्रिया ज्वालामुखी और भूकंपीय गतिविधि के रूप में दरार घाटी के साथ सतही अभिव्यक्तियों के साथ होती है। दरारें महाद्वीपीय विखंडन का प्रारंभिक चरण हैं और यदि सफल होती हैं, तो एक नए महासागर बेसिन के निर्माण की ओर ले जा सकती हैं। पृथ्वी पर एक जगह का उदाहरण जहां ऐसा हुआ है, वह दक्षिण अटलांटिक महासागर है, जो लगभग 138 मिलियन साल पहले दक्षिण अमेरिका और अफ्रीका के विखंडन से उत्पन्न हुआ था – कभी ध्यान दिया है कि कैसे उनकी तटरेखाएँ एक ही पहेली के टुकड़ों की तरह मेल खाती हैं?
महाद्वीपीय दरार के लिए स्थलमंडल को तोड़ने के लिए पर्याप्त विस्तार बलों की उपस्थिति की आवश्यकता होती है। पूर्वी अफ्रीकी दरार को एक सक्रिय प्रकार की दरार के रूप में वर्णित (Africa is splitting in two) किया गया है, जिसमें इन तनावों का स्रोत अंतर्निहित मेंटल के संचलन में निहित है। इस दरार के नीचे, एक बड़े मेंटल प्लम के उठने से स्थलमंडल ऊपर की ओर उठ रहा है, जिसके कारण तापमान में वृद्धि के परिणामस्वरूप यह कमजोर हो रहा है, तथा इसमें खिंचाव आ रहा है और भ्रंशों के कारण यह टूट रहा है।
Also, read: Horse Fire Ritual: जानिए, घोड़ों को आग में कुदाने का डरावना रिवाज!
Also, read: Door to Hell: 50 साल से जल रही आग का रहस्य क्या है?
Also, read: 5 longest sea bridges: जानिए दुनिया के सबसे लंबे 5 समुद्री पुलों के बारे में!
Also, read: China Three Gorges Dam: जानिए इस बाँध की वजह से धरती का घूमना हुआ धीमा!
Also, read: Dark Oxygen: 3,000 फीट नीचे प्रशांत महासागर में मिली ऑक्सीजन!
Also, read: Mystery of Shiv Shakti Rekha: जानें एक सीधी रेखा में बने शिव के 7 मंदिरों का रहस्य!