UP Sambhal News 2024-25: संभल में 48 साल बाद खुले मंदिर के कुएं से निकली खंडित मूर्तियां, प्रशासन कर रहा जांच!

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संभल में मिला प्राचीन शिव मंदिर, कुआं, प्रतिमाएं मिलने के बाद 46 साल पुराना इतिहास आया सामने, आखिर 1978 में ऐसा क्या हुआ था? Sambhal Shiv Mandir | UP Sambhal News 2024-25

UP Sambhal News 2024-25 in hindi: संभल जिले में 48 साल बाद एक प्राचीन मंदिर के कुएं की खोदाई के दौरान खंडित मूर्तियां बरामद हुई हैं, जिससे स्थानीय लोग हैरान रह गए हैं। यह मंदिर मोहल्ला कछवायन में स्थित है, और पिछले कई दशकों से बंद पड़ा हुआ था। हाल ही में प्रशासन ने इस मंदिर के कुएं की खोदाई की योजना बनाई थी, और इसके दौरान कुएं से कई खंडित मूर्तियां निकल आईं। इन मूर्तियों को देखकर लोगों का ध्यान खींचा और इस घटना से जुड़े सवाल उठने लगे। मूर्तियों के मिले होने से कई प्रकार की चर्चाएं शुरू हो गई हैं, और स्थानीय लोग यह जानने के लिए उत्सुक हैं कि ये मूर्तियां कब और क्यों यहां डाली गई थीं। प्रशासन ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है, ताकि इस रहस्यमयी घटनाक्रम का कारण और इसके पीछे की कहानी का पता लगाया जा सके। यह घटना स्थानीय धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे जुड़ी कई पुरानी मान्यताएं और विश्वास प्रकट हो सकते हैं। वर्तमान में प्रशासन द्वारा इस पूरे मामले की गहरी जांच की जा रही है, ताकि सच्चाई का पता चल सके और इस घटनाक्रम के बाद किसी भी प्रकार की गलतफहमी से बचा जा सके।

This is the image of UP Sambhal News 2024-25 Ancient Shiva temple found in Sambhal

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संभल में 48 साल बाद खुले मंदिर के कुएं से निकली खंडित मूर्तियां

उत्तर प्रदेश के संभल जिले के खग्गू सराय में स्थित एक प्राचीन मंदिर, जो 48 वर्षों से बंद था, हाल ही में फिर से खोला गया। इस मंदिर के भीतर और उसके पास स्थित कुएं की खुदाई के दौरान प्राचीन मूर्तियों का अनावरण हुआ, जिससे क्षेत्र में उत्साह की लहर दौड़ गई। खोदाई में भगवान कार्तिकेय, गणेश और माता लक्ष्मी की संगमरमर की तीन खंडित मूर्तियां मिलीं। इन मूर्तियों को पुलिस ने कब्जे में लेकर पुरातत्व विभाग को सौंप दिया है, जहां उनकी ऐतिहासिक और धार्मिक महत्ता की जांच की जा रही है।

यह मंदिर, जो 1978 के सांप्रदायिक तनाव के बाद से बंद था, प्रशासन के प्रयासों से शनिवार को खोला गया। मंदिर के खुलने के साथ ही श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। लोगों ने पूजा-अर्चना शुरू कर दी और धार्मिक भजनों की गूंज से माहौल भक्तिमय हो गया। मंदिर के पास स्थित कुएं की खुदाई 15 फीट तक की गई, जिसमें देवी-देवताओं की प्राचीन मूर्तियां मिलीं। इन मूर्तियों के मिलने के बाद स्थानीय महिलाएं ढोलक की थाप पर भजन-कीर्तन करते हुए भगवान शिव और अन्य देवी-देवताओं की स्तुति करने लगीं।

मुस्लिम बहुल क्षेत्र में स्थित इस मंदिर की कार्बन डेटिंग कराने की तैयारी चल रही है। जिला प्रशासन ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) को पत्र लिखकर मंदिर, शिवलिंग, और कुएं से मिले अवशेषों की जांच करने का अनुरोध किया है। प्रशासन इस शोध के माध्यम से यह पता लगाना चाहता है कि मंदिर और उसकी मूर्तियां कितनी प्राचीन हैं।

यह मंदिर समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर रहमान बर्क के घर से मात्र 200 मीटर की दूरी पर स्थित है। मंदिर के भीतर भगवान शिव का शिवलिंग, नंदी और हनुमान जी की प्रतिमा स्थापित हैं। फिलहाल मंदिर परिसर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं ताकि सांप्रदायिक सौहार्द बना रहे। UP Sambhal News 2024-25 in hindi

यह खोज संभल की ऐतिहासिक धरोहर और सांस्कृतिक महत्व को उजागर करती है। प्रशासन अब प्राचीन स्थलों के संरक्षण और उनके महत्व को समझने के लिए सक्रिय रूप से कदम उठा रहा है। मंदिर का फिर से खुलना न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह क्षेत्र की सांस्कृतिक धरोहर को पुनर्जीवित करने का एक प्रयास भी है।

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पुलिस अधिकारियों ने की मंदिर की सफाई

संभल, उत्तर प्रदेश के हरिहर मंदिर के पास एक बंद शिव मंदिर की खोदाई के दौरान हाल ही में चौंकाने वाली खोज हुई। 1978 के सांप्रदायिक दंगों के बाद हिंदू परिवारों के पलायन और मंदिर के उपेक्षित होने की कहानी अब नए सिरे से सामने आई है। पुलिस अधिकारियों ने जब मंदिर की सफाई शुरू की तो वहां शिवलिंग, नंदी और हनुमान जी की प्रतिमाएं मिलीं। सफाई के दौरान पुराने सिक्के और दानपात्र भी बरामद हुए। स्थानीय निवासियों ने बताया कि यह इलाका कभी हिंदू परिवारों का था, लेकिन दंगों के बाद यह क्षेत्र मुस्लिम बाहुल्य बन गया और मंदिर उपेक्षित रह गया।

showing the image of Police officers cleaned the UP Sambhal temple

मंदिर के पास एक चबूतरे के नीचे कुआं होने की जानकारी मिली, जिसके बाद इसकी खोदाई शुरू हुई। खोदाई में संगमरमर की तीन खंडित मूर्तियां मिलीं, जो प्रथम दृष्टया भगवान कार्तिकेय, गणेश जी और माता लक्ष्मी की प्रतीत हो रही हैं। मूर्तियों की स्थिति और उनकी ऐतिहासिकता का अध्ययन करने के लिए इन्हें जांच के लिए भेजा गया है। जैसे ही मूर्तियां मिलने की खबर फैली, स्थानीय लोगों की भीड़ जमा हो गई। भक्तों ने “हर हर महादेव” और “जय श्री राम” के जयकारे लगाए, जिससे पूरे क्षेत्र में भक्तिमय माहौल बन गया। UP Sambhal News 2024-25 in hindi

showing the image of Three fragmented marble statues of Hindu Gods and Goddesses were found during the excavation in sambhal

यह खोज संभल के सांस्कृतिक और धार्मिक इतिहास को फिर से उजागर करती है। 1978 के दंगों की यादें और हिंदू परिवारों के पलायन की कहानियां फिर से चर्चा में आ गई हैं। संभल की यह घटना केवल एक पुरातात्त्विक खोज नहीं है, बल्कि यह इतिहास, सांस्कृतिक विरासत और धार्मिक आस्थाओं को फिर से जीवंत करने का प्रतीक बन गई है। अब प्रशासन और पुरातात्त्विक विभाग इस क्षेत्र के महत्व को समझने और संरक्षित करने के लिए गहन अध्ययन कर रहे हैं।

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48 साल बाद मंदिर के पट खुले

सांप्रदायिक दंगों और लगातार तनाव के चलते यहां की हिंदू आबादी ने पलायन कर लिया। इन घटनाओं के बाद कार्तिक महादेव मंदिर बंद हो गया और 48 साल तक इसका पट बंद ही रहा। हाल ही में इस मंदिर के पट खुलने से इतिहास के कई दबी कहानियां फिर सामने आई हैं, जिनमें पलायन, उत्पीड़न और सांप्रदायिक संघर्ष के दर्दनाक पहलू शामिल हैं।

संभल प्रशासन ने इस क्षेत्र में ऐतिहासिक स्थलों और प्रमाणों की खोज शुरू की है। संभल के इतिहास में कुल 19 कुओं का उल्लेख मिलता है, और प्रशासन इन कुओं को खोजने में जुटा है। इसी क्रम में मंदिर के पास स्थित एक पुराने कुएं की खुदाई की गई, जिससे ऐतिहासिक साक्ष्य मिलने की संभावना है। माना जा रहा है कि इस क्षेत्र में सनातनी परंपरा के और भी प्रमाण छिपे हो सकते हैं।

मंदिर के दोबारा खुलने के साथ, यह स्थान न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र बना है, बल्कि यह अतीत की सांप्रदायिक एकता और संघर्ष की गवाही भी देता है। प्रशासन की इस कार्यवाही से इतिहास की कई अनसुनी कहानियां उजागर होने की उम्मीद है। UP Sambhal News 2024-25 in hindi

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पांच से सात इंच के बीच हैं तीनों मूर्तियां

उत्तर प्रदेश के संभल में 48 साल बाद खुले एक प्राचीन मंदिर के पास स्थित कुएं की खुदाई के दौरान तीन प्राचीन मूर्तियां मिली हैं। यह खुदाई सुबह आठ बजे शुरू हुई, जिसमें मजदूरों ने फावड़े और रस्सियों की मदद से 22 फीट तक खुदाई की। पहले एक संगमरमर की मूर्ति मिली, और इसके बाद मिट्टी के अंदर से लगातार तीन खंडित मूर्तियां बाहर निकाली गईं। इन मूर्तियों की लंबाई लगभग 5 से 7 इंच है और इन्हें देखने से ये माता पार्वती, गणेश जी और लक्ष्मी जी की प्रतीत हो रही हैं।

This is the image of Broken Idols of Hindu Gods and Goddesses Discovered in Well During digging-up in sambhal.

मूर्तियों की खोज ने स्थानीय लोगों और अधिकारियों को अचंभित कर दिया है। यह खुदाई मंदिर के पास स्थित पुराने कुएं में की गई, जो लंबे समय से मिट्टी और मलबे से भरा हुआ था। इन मूर्तियों की ऐतिहासिक और धार्मिक महत्ता का पता लगाने के लिए जांच जारी है। इस घटना के बाद मंदिर और उसके आसपास के क्षेत्र में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। मंदिर और मूर्तियों की यह खोज इतिहास और संस्कृति के लिए एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है। UP Sambhal News 2024-25 in hindi

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एजेंटी तिराहे के नजदीक मिला एक ओर प्राचीन कुआं

सपा विधायक के आवास के पास एजेंटी तिराहा के नजदीक एक प्राचीन कुआं पाया गया, जो एक खोखे के पीछे छिपा हुआ था। प्रशासन को इस कुएं की जानकारी मिलने पर एसडीएम वंदना मिश्रा तुरंत मौके पर पहुंचीं। उन्होंने कुएं के आसपास के क्षेत्र से अवैध कब्जे को हटाने और पालिका की टीम को उसकी सफाई कराने के निर्देश दिए। प्रशासन प्राचीन विरासत को संरक्षित करने के अपने प्रयासों में जुटा हुआ है और शहर के पुराने कुओं की खोज और पुनर्निर्माण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। यह पहल प्राचीन जलस्रोतों को पुनर्जीवित करने और उनके ऐतिहासिक महत्व को संरक्षित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस तरह के प्रयास न केवल शहर की धरोहर को पुनर्जीवित करने में सहायक हैं, बल्कि समुदाय को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक भी कर रहे हैं।

this is the image of ancient well found near ajent tiraha in sambhal uttar pradesh.

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प्राचीन संभलेश्वर महादेव मंदिर की पुनः प्रतिष्ठा

16 दिसंबर को स्थानीय लोगों ने प्राचीन संभलेश्वर महादेव मंदिर पर ‘प्राचीन संभलेश्वर महादेव’ का नाम लिखवाया। साथ ही मंदिर की दीवारों पर ‘हर हर महादेव’ और ‘ॐ नमः शिवाय’ के शब्द भी अंकित किए गए, जो श्रद्धा और आस्था का प्रतीक हैं। यह मंदिर दशकों पुराना है और इसका ऐतिहासिक महत्व बहुत अधिक है। इस मंदिर के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। स्थानीय निवासियों के अनुसार, मंदिर का अस्तित्व बहुत समय से था, लेकिन 1978 में हुए दंगे के बाद यहां स्थिति बहुत खराब हो गई थी और कोई भी व्यक्ति यहां रहने को तैयार नहीं हुआ। इसके कारण मंदिर को बंद कर दिया गया था। अब पुनः इस मंदिर को फिर से प्रतिष्ठित किया गया है, जिससे आसपास के क्षेत्र में आस्था और विश्वास का एक नया संचार हुआ है। मंदिर की दीवारों पर लिखे गए मंत्र श्रद्धालुओं के मन में भक्ति और श्रद्धा का संचार कर रहे हैं। इस पुनः प्रतिष्ठा से स्थानीय लोगों में खुशी और गर्व का माहौल है, और यह मंदिर अब एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल बन चुका है। UP Sambhal News 2024-25 in hindi

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मंदिर की कार्बन डेटिंग की प्रक्रिया शुरू

उत्तर प्रदेश के संभल जिले में हाल ही में एक प्राचीन शिव मंदिर और उसके परिसर में स्थित कुएं की खोज की गई है। इन पुरातात्विक स्थलों की सही उम्र का पता लगाने के लिए अब कार्बन डेटिंग प्रक्रिया कराई जाएगी। इस प्रक्रिया के माध्यम से यह पता लगाया जाएगा कि शिव मंदिर और कुआं कब और कितने साल पहले बने थे। इसके लिए जिला मजिस्ट्रेट डॉ. राजेंद्र पेंसिया ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को एक पत्र भेजा है। कार्बन डेटिंग के जरिए पुरानी वस्तुओं और संरचनाओं की उम्र को सटीक रूप से जाना जा सकता है, जो इतिहास और संस्कृति के अध्ययन के लिए महत्वपूर्ण कदम है। यह कदम न केवल इस क्षेत्र के ऐतिहासिक महत्व को उजागर करेगा, बल्कि इस क्षेत्र के प्राचीन इतिहास को और बेहतर तरीके से समझने में भी मदद करेगा। इस तरह की प्रक्रियाओं से क्षेत्रीय धरोहर की पहचान और संरक्षण में मदद मिलती है, और यह भारतीय संस्कृति की समृद्धि को सजीव रूप से दर्शाता है। UP Sambhal News 2024-25 in hindi

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दो मस्जिद के कुएं भी कब्जामुक्त होंगे

कोटगर्वी की एक रात वाली मस्जिद और खग्गू सराय स्थित नियारियों वाली मस्जिद के दो कुएं बंद पाये गए हैं। इन कुएं पर अवैध कब्जा कर उन्हें बंद कर दिया गया था, लेकिन अब इन्हें पुनः कब्जामुक्त किया जाएगा। नगर निगम के ईओ ने बताया कि ऐसे सभी कुएं, जो बंद हो गए हैं या जिन पर कब्जा कर लिया गया है, उन्हें मुक्त करने के लिए एक विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान का उद्देश्य इन कुओं को उनके पुराने स्वरूप में वापस लाना है।

यह कदम ऐतिहासिक धरोहरों को संरक्षित रखने और जल स्त्रोतों का सही उपयोग सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है। कई कुएं समय के साथ बंद हो गए थे या अवैध रूप से अतिक्रमण कर उनके उपयोग में अवरोध उत्पन्न कर दिया गया था। अब इन कुओं को पुनः चालू किया जाएगा, ताकि न केवल जलस्रोत का सही इस्तेमाल हो सके, बल्कि समुदाय को भी इसका लाभ मिल सके। अधिकारियों का कहना है कि इस तरह के अभियान भविष्य में अन्य जगहों पर भी जारी रहेंगे, ताकि कोई भी ऐतिहासिक जलस्रोत अवैध कब्जे से मुक्त हो सके और उसका सही उपयोग किया जा सके।

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जानिए, आखिर संभल में ये कुंआ और मंदिर का रहस्य कैसे खुला

शनिवार को प्रशासन की टीम बिजली चोरी की जांच करने के लिए संभल शहर के खग्गू सराय मोहल्ले में पहुंची, जो मुस्लिम बहुल इलाका है। टीम ने जब बिजली चोरी की जांच शुरू की, तो उनकी नजर जर्जर हालत में पड़े एक मंदिर पर पड़ी। सावधानी से जांच की गई, और जैसे ही गोटे खोले गए, मंदिर में हनुमान जी की प्रतिमा और शिवलिंग का पता चला। इसके बाद, तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं, जिससे यहां से पलायन कर चुके हिंदू परिवारों ने अपने पुराने मंदिर का दर्शन करने के लिए वापसी की। बातचीत के दौरान, मंदिर के पास एक कुएं का जिक्र सामने आया। खुदाई शुरू की गई, और डीएम राजेंद्र पेंसिया ने बताया कि कार्तिक महादेव मंदिर के पास एक कूप भी मिला है। उन्होंने यह भी बताया कि प्राचीन मंदिरों में जल केंद्रों का होना सामान्य था, और यही कारण था कि मंदिर के साथ यह कुआं भी मिला। UP Sambhal News 2024-25 in hindi

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आखिरी 1978 में ऐसा क्या हुआ था?

संभल का इतिहास 1978 में हुए एक बड़े दंगे से जुड़ा हुआ है, जिसने पूरे इलाके को हिला दिया था। उस समय स्थानीय हिंदू समुदाय के 16 से 25 लोग मारे गए थे, और कई लोगों को अपने घरों से विस्थापित होना पड़ा था। इस दौरान खग्गू सराय से हिंदू परिवारों को निकाल दिया गया, जबकि कार्तिक शिव मंदिर भी बंद पड़ा था। यह घटना 48 साल पुरानी हो चुकी है, और हाल ही में सीएम योगी ने विधानसभा में इस इतिहास को उजागर किया, जिसके बाद विवाद खड़ा हो गया है। उन्होंने बताया कि 1978 में 184 हिंदू मारे गए थे, और 1947 से लेकर अब तक 209 हिंदू समुदाय के लोग हत्या का शिकार हुए हैं। इस पर समाजवादी पार्टी के विधायक इकबाल महमूद ने कहा कि सीएम योगी के द्वारा पेश किए गए आंकड़े गलत हैं और अगर ये सही साबित होते हैं तो वे इस्तीफा देने के लिए तैयार हैं। हालांकि, सीएम ने यह भी दावा किया था कि 1947 से संभल में दंगे होते रहे हैं, जिसमें हिंदू समुदाय के लोगों को निशाना बनाया गया। इस विवाद ने राजनीति में नई गर्मी पैदा कर दी है।

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कब चर्चा में आया संभल?

संभल में हाल ही में हुई हिंसा के बाद से सियासत में हलचल तेज हो गई है, और अब जब वहां शिव मंदिर मिलने की खबर आई है, तो इस मुद्दे को नई दिशा मिल गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में संभल पर विस्तार से चर्चा की और राज्य सरकार की स्थिति स्पष्ट की। वहीं समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव, जो लखनऊ में थे, ने इस विषय पर सियासी पलटवार किया। उन्होंने कहा कि अगर इस प्रकार के अभियान चलाए जाएंगे, तो कहीं भी मंदिर मिल सकते हैं। संभल का मुद्दा पिछले महीने 19 तारीख को तब सामने आया, जब स्थानीय अदालत ने जामा मस्जिद में सर्वे के आदेश दिए थे। आरोप यह था कि जामा मस्जिद, हरिहर मंदिर को तोड़कर बनाई गई थी। इस बयानबाजी और घटनाक्रम से संभल का नाम राजनीतिक चर्चा में आ गया है, और यह मुद्दा अब और ज्यादा तूल पकड़ता जा रहा है। धर्म और राजनीति के बीच यह बहस अब गहरी हो गई है, जिससे संभल में एक नए सियासी मोर्चे की शुरुआत हो सकती है। UP Sambhal News 2024-25 in hindi

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संभल में 32 साल से बंद प्राचीन राधा-कृष्ण मंदिर के भी खोले गए कपाट, साफ-सफाई के बाद पूजा-अर्चना शुरू

संभल जिले के मोहल्ला कछवायन स्थित प्राचीन राधा-कृष्ण मंदिर, जो 1992 में हुए बाबरी विध्वंस के बाद से बंद पड़ा था, अब 32 साल बाद फिर से खुल गया है। मंगलवार को प्रशासन ने मंदिर के कपाट खोले और साफ-सफाई के बाद यहां पूजा-अर्चना की प्रक्रिया शुरू हो गई। इस मंदिर की सुरक्षा के लिए प्रशासन ने पुलिस बल तैनात किया है। स्थानीय निवासी सुमित कुमार सैनी ने बताया कि 1992 से पहले मोहल्ला कछवायन में मिश्रित आबादी थी, जहां सैनी समाज के 200 से अधिक परिवार रहते थे। लेकिन बाबरी विध्वंस के बाद यहां दंगे भड़क गए, जिससे इस क्षेत्र का माहौल खराब हो गया। मोहल्ला मुस्लिम बहुल होने के कारण सैनी समाज के लोग डर के कारण अपने घरों को छोड़ने लगे। धीरे-धीरे सभी सैनी परिवारों ने अपने मकान मुस्लिमों को बेच दिए और हिंदू बहुल इलाकों में बस गए। इसके कारण मंदिर बंद हो गया और इस इलाके में नियमित रूप से पूजा-अर्चना का काम बंद हो गया था। UP Sambhal News 2024-25 in hindi

हालांकि अब 32 साल बाद इस मंदिर के कपाट खोलने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। मंदिर की सफाई के बाद लोग पूजा-अर्चना के लिए एकत्रित हो रहे हैं। मंदिर के फिर से खुलने से स्थानीय लोग खुश हैं और यहां की धार्मिक गतिविधियों को फिर से बहाल होते देख रहे हैं। इसके साथ ही मंदिर की सुरक्षा के लिए प्रशासन ने कड़े इंतजाम किए हैं ताकि इस स्थान की धार्मिक महत्ता को बनाए रखा जा सके। मंदिर का पुनः उद्घाटन स्थानीय समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण घटना है, जो धार्मिक आस्था और सांप्रदायिक सद्भाव को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक कदम आगे बढ़ा है।

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